मेरी कुर्सी हिला सकते हो तो शमी ने सेलेक्टर की 'घटिया' डिमांड का किया खुलासा बताया क्यों नहीं खेलते UP से


 भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी आईसीसी विश्व कप-2023 के स्टार खिलाड़ी रहे हैं। मोहम्मद शमी 24 विकेट लेकर इस वर्ल्ड कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बनकर सामने आए हैं।

मोहम्मद शमी के बारे में जो बात, सबसे ज्यादा खेल प्रेमियों ने पसंद की, वह ये कि, वह भारत के लिए पहले कुछ मैचों में नहीं खेले थे। फिर भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।


हार्दिक पंड्या के घायल होने के बाद शमी को टीम इंडिया में शामिल किया गया था। उन्होंने क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल में सात विकेट भी लिए, जो एकदिवसीय मैचों में किसी भारतीय द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत के वर्ल्ड कप हार जाने के बाद भी मोहम्मद शमी सुर्खियों में बने हुए हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब शमी को उत्तर प्रदेश की क्रिकेट बोर्ड के सेलेक्टरों ने सलेक्ट नहीं किया था। आज भी शमी यूपी के लिए कभी नहीं खेलते हैं।


मोहम्मद शमी भी उन कई भारतीय क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्होंने सालों तक संघर्ष के दिन देखे हैं और सफलता पाने के लिए काफी इतंजार किया है। मोहम्मद शमी घरेलू स्तर पर पश्चिम बंगाल के लिए खेलते हैं, जबकि उत्तर प्रदेश उनका गृह राज्य है।


'कुर्सी हिला सकते हो तो बताओ, वरना...

PUMA के यूट्यूब चैनल पर हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में मोहम्मद शमी ने खुलासा किया था कि उन्हें एक युवा खिलाड़ी के रूप में खारिज कर दिया गया था। उन्होंने खुलासा किया कि उत्तर प्रदेश के लिए चयन ट्रायल के दौरान उनके भाई ने मुख्य चयनकर्ता (चीफ सेलेक्टर) से बात की थी लेकिन उनके जवाब ने उन्हें हैरान कर दिया था।


मोहम्मद शमी ने बताया, ''मेरे भाई यूपी के चीफ सेलेक्टर से बात करने गए थे। मेरे भाई से कहा गया था, 'अगर मेरी कुर्सी हिला सकते हो तो, लड़का सलेक्ट हो जाएगा...बहुत अच्छा है, वरना सॉरी...।'


'वो यूपी क्रिकेट में मेरा आखिरी दिन था...'


शमी ने आगे बताया, ''मेरे भाई ने चीफ सेलेक्टर को जवाब देते हुए कहा, 'कुर्सी हिलाना भूल जाओ, मैं इसे उल्टा भी कर सकता हूं, मेरे पास इतनी ताकत है। लेकिन मैं वो नहीं चाहता । अगर उसमें दम है तो मुझे चयन करना। उनसे कहा गया कि यहां प्रतिभा वाले लोग किसी काम के नहीं हैं। मेरे भाई ने वहीं पर फॉर्म फाड़ दिया और कहा कि आज के बाद हम यूपी क्रिकेट में शामिल नहीं होंगे।'

मोहम्मद शमी ने इंटरव्यू के दौरान कहा, 'वो एक दिन था, जब मेरे भाई से, मेरे लिए ऐसा कहा गया। वो यूपी क्रिकेट में मेरा आखिरी दिन था। उसके बाद मुझे जिद्द हो गई कि मैं खेलकर ही रहूंगा' उन्होंने कहा कि, 'मैं सब ठीक खेलता था लेकिन जहां फाइनल राउंड आता था, यूपी वाले लात मारकर भगा देते थे। बोलते थे..तुम्हारा कोई काम नहीं है यहां। ऐसा दो सालों तक मेरे साथ ऐसा हुआ।' (नोट: वीडियो में आप 12 मिनट से 17 मिनट तक ये पूरा वाक्या देख सकते हैं।)

मोहम्मद शमी ने आगे कहा, ''फिर मैं 14-15 साल की उम्र में कलकत्ता चला गया। मैंने अपने कोच से बात की। मैं दृढ़ हो गया कि मुझे खेलना है। मुझे बहुत अनुभव मिल रहा था। तीन-चार साल के बाद, मैं अरुण लाल अकादमी में गया। यह सीमेंट की पिच थी। रन-अप के लिए जगह कम थी। मुझे हैरानी हुई। लेकिन फिर भी मैंने गेंदबाजी की। मुझे अनुभव मिला और एक क्लब से ऑफर मिला, लेकिन वे मुझे इसके लिए पैसे नहीं देते थे। संघर्ष चलता रहा और फिर एक दिन क्लब के एक अधिकारी ने मुझे 25,000 रुपये दिए।"

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