हिंदी सिनेमा में बुलंदियों तक पहुंचना इतना आसान नहीं. अभिनेता और अभिनेत्रियों को हर तरह की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. ऐसी ही एक्ट्रेस रही हैं माधुरी दीक्षित भी. जिनका जलवा 90 के दशक में खूब देखने को मिला. वो 90s की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस में से एक थीं. लेकिन उनके करियर में भी ऐसे कई मौके आए जब उन्हें किसी किरदार को निभाना चुनौती की तरह लगा. ऐसी ही एक फिल्म थी शनाख्त. जिसमें माधुरी को ऑनस्क्रीन ब्लाउज तक उतारने को कहा गया था.
ये किस्सा खुद फिल्म के निर्देशक टीनू आनंद ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बयां किया. उन्होंने बताया कि वो माधुरी को फिल्म साइन करने से पहले ही इस सीन के लिए समझा चुके थे. होना ये था कि अमिताभ जंजोरों में बंधे और गुंडे उन्हें पीट रहे हैं तब माधुरी को सामने आकर अमिताभ को बचाना था और गुंडों के सामने आकर ब्लाउज हटाना था. टीनू आनंद के मुताबिक वो पहले ही साफ कर चुके थे कि वो माधुरी को ऐसे ही दिखाएंगे और उन्हें कवर नही किया जाएगा. माधुरी ने सीन सुनने के बाद फिल्म साइन की थी लेकिन बाद जब पहले ही दिन इस सीन को शूट किया जाने लगा तो उन्होंने इंकार कर दिया.
टीनू आनंद से हुई थी बहस
टीनू आनंद ने बताया कि इस बात को लेकर उनकी माधुरी दीक्षित से काफी बहस हुई थी. जब माधुरी ने शूटिंग से इंकार किया तो गुस्से में निर्देशक ने साफ-साफ कह डाला.. पैकअप करो और फिल्म को अलविदा कहो. इस फाइट में बीच बचाव अमिताभ बच्चन ने भी किया था. उनका मानना था कि जब माधुरी ये सीन नहीं करना चाहतीं तो जाने दो. वहीं टीनू आनंद का कहना था कि अगर माधुरी को आपत्ति थी तो फिर फिल्म साइन क्यों की. खैर माधुरी ही इस फिल्म की हीरोइन रही थीं क्योंकि उन्होंने इस सीन को करने के लिए बाद में हामी भर दी थी.