BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर चल रहे विवाद से क्रिकेट जगत हैरानी में है। श्रेयस अय्यर और ईशान किशन जैसे खिलाड़ियों को उनकी लापरवाही और घरेलू रेड-बॉल क्रिकेट नहीं खेलने के कारण उनको सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हटा दिया गया। लेकिन वहीं स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलने के बावजूद ग्रेड ए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, जबकि किशन और अय्यर को लिस्ट से बाहर कर दिया गया है, जो अपने आप में काफी हैरान करने वाला है।
इस स्थिति को देखते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा हार्दिक पांड्या के बचाव में आगे आए और कहा कि उनकी अनुबंध स्थिति की तुलना किशन और अय्यर जैसे खिलाड़ियों से नहीं की जा सकती। इसके अलावा, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने यह भी कहा कि अगर पांड्या का शरीर मल्टी-डे गेम खेलने के लिए फिट नहीं है, तो ऐसा ही हो, उन्हें इस मामले के लिए टेस्ट या फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
हार्दिक पांड्या को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट मिलने पर बोले आकाश चोपड़ा
आकाश चोपड़ा ने कहा कि, “हार्दिक पांड्या का मामला बहुत सरल है। अगर उसने कोई गलती नहीं की है तो आप उसे सजा क्यों देंगे? वह रेड-बॉल क्रिकेट नहीं खेल रहा है। वह महत्वाकांक्षा या आकांक्षा अब अस्तित्व में नहीं है। उसने ऐसा नहीं कहा है, लेकिन सच्चाई है कि वह किसी भी टेस्ट सीरीज के लिए बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “इसलिए यदि आप टेस्ट के लिए बिल्कुल भी ऑडिशन नहीं दे रहे हैं, तो कोई भी आपको फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के लिए नहीं कहेगा, आप चार दिवसीय खेल क्यों खेलेंगे जब आपके शरीर में इतने ओवर फेंकने के लिए इतनी ताकत नहीं है और चोट की समस्या है? तो उन्हें क्यों खेलना चाहिए।”इसके अलावा, आकाश चोपड़ा का ये भी मानना है कि बड़ौदा के ऑलराउंडर को किशन और अय्यर जैसे खिलाड़ियों के साथ उस ग्रुप में रखना गलत था।