कोंकणा सेन ने नहीं देखी अबतक `एनिमल`, बोलीं- स्क्रीन पर हिंसा और सेक्स सिर्फ...`

बॉलीवुड स्टार रणबीर कपूर ने अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'एनिमल' देकर खुद को फिर से साबित कर दिया है। संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में बनी इस फिल्म को खूब पसंद किया जा रहा है।

फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की है। इस फिल्म ने अब तक 900 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया है।


'एनिमल' में रणबीर कपूर के अलावा रश्मिका मंदाना, बॉबी देओल, अनिल कपूर और तृप्ति डिमरी भी नजर आई हैं। सेलिब्रिटीज से लेकर आम जनता तक ने फिल्म को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां कुछ लोगों को फिल्म खूब पसंद आई है, तो वहीं कुछ लोगों ने फिल्म को महिला विरोधी बताया है। 


अब इस पर कोंकणा सेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। बॉलीवुड एक्ट्रेस कोंकणा सेन इन दिनों अपनी वेब सीरीज 'किलर सूप' को लेकर चर्चा में हैं। इस सीरीज उनके साथ मनोज बाजपेयी भी अहम भूमिका में हैं। इस सीरीज को खूब पसंद किया जा रहा है। यह सीरीज हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। एक्ट्रेस इसी के प्रमोशन में व्यक्त हैं। इसी दौरान उन्होंने एनिमल पर खुलकर बात की है।

कोंकणा ने नहीं देखी 'एनिमल' 


सामाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कोंकणा ने कहा कि उन्हें स्क्रीन पर हिंसा दिखाने से कोई आपत्ति नहीं है, जब तक कि इसके लिए कोई ठोस वजह न हो। यही बात इंटीमेट सीन्स पर भी लागू होती हैं। उन्हें ऐसे सीन्स देखने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हिंसा और इंटीमेट सीन्स का कहानी को आगे बढ़ाने में एक उद्देश्य होना चाहिए। एक्ट्रेस ने कहा कि 'फिल्म में इसके होने का कोई कारण होना चाहिए। चाहे वह किरदारों से जुड़ा हो या किसी प्लॉट से जुड़ा हो। केवल सवाल ये है कि इस तरह का सीन क्यों है। डायरेक्ट की मंशा क्या है?

मुझे कोई आपत्ति नहीं है

एक्ट्रेस ने आगे कहा कि 'जहां तक मैं समझती हूं। मुझसे गतली हो सकती है। मैंने 'एनिमल' नहीं देखी है। क्योंकि मुझे नहीं लगता है कि यह मेरे तरह की फिल्म है। व्यूज और अन्य चीजों से भी मैं इस फिल्म के प्रति आकर्षित नहीं हुई। फिल्म को देखने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मैं इस फिल्म की टारगेट ऑडियंस नहीं हूं। लाखों लोग इसे देख रहे हैं और फिल्म अच्छा कर रही है। इसके अलावा मैं संदीप रेड्डी के पिछले काम के बारे में जानती हूं। डायरेक्टर उस काम के साथ खड़े हैं। जहां रिश्तों में एक निश्चित हिंसा को स्वीकार्य बना दिया गया है, डायरेक्टर उस पर कायम हैं, लेकिन मैं इसके साथ नहीं खड़ी हूं।

 

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