भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 2011 में खेले गए विश्व कप फाइनल मुकाबले को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया. ये मुकाबला भारत बनाम श्रीलंका खेला गया था. श्रीलंका ने भारत को 275 रन का लक्ष्य दिया था.
जिसके जवाब में गौतम गंभीर ने 97 रन जड़े थे और भारत के उस समय के कप्तान एमएस धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेली थी. भारत ने इस मुकाबले को आसानी से अपने नाम कर लिया था. गौतम गंभीर का मानना है कि ये अवॉर्ड धोनी की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को दिया जाना चाहिए था.
जहीर खान थे मैन ऑफ द मैच के सही हकदार: गौतम गंभीर
विश्व कप 2011 अभियान के दौरान भारतीय टीम का हिस्सा रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने बल्लेबाजी के दौरान एमएस धोनी से अधिक रन बनाए थे. मगर उनका मानना है कि जहीर खान किसी अन्य की तुलना में मैन ऑफ द मैच पुरस्कार के अधिक हकदार थे. 'एमएस धोनी को पुरस्कार मिला लेकिन मुझे लगता है कि जहीर खान असली मैन ऑफ द मैच थे. अगर जहीर ने वह स्पैल नहीं डाला होता तो श्रीलंका ने लगभग 350 रन बनाए होते. कोई भी उनकी गेंदबाजी को याद नहीं करता है और हम केवल मेरी पारी और धोनी के छक्के के बारे में बात करते हैं.
जाहीर खान ने शुरुआती और आखिरी ओवर अच्छा डाला
विश्व कप 2023 में खेले गए बांग्लादेश बनाम न्यूजीलैंड मुकाबले में कमेंट्री करने के दौरान गंभीर ने कहा, 'बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 10 ओवर में 60 रन देकर दो विकेट लिए, लेकिन अंतिम और शुरुआती स्पैल में शानदार गेंदबाजी करते हुए श्रीलंका को बराबरी पर रोक दिया. सातवें ओवर में उपुल थरंगा को आउट करने से पहले जहीर ने लगातार तीन मेडन ओवर के साथ शुरुआत की. उन्होंने अपने पांच ओवर के पहले स्पैल में केवल छह रन दिए. मेरी मानों तो मैन ऑफ द मैच के असली हकदार जाहीर खान हैं.