साल 2004 में फिल्म रन से बॉलीवुड में अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले पंकज त्रिपाठी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं।
लेकिन उनके एक्टर बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा संग एक बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने बताया था कि वे ट्रैक्टर खरीदना चाहते थे लेकिन वे खरीद नहीं पाए जिसकी वजह से वे एक्टर बन गए।
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज त्रिपाठी एक्टर बनने के सवाल पर कहते हैं कि मैं ट्रैक्टर नहीं खरीद पाया इस वजह से एक्टर बन गया। वे कहते हैं कि अगर मैं ट्रैक्टर खरीद लिया होता या मेरे बाबू जी के पास 10वीं तक उतने पैसे आ जाते तो फिर मैं ट्रैक्टर ही चलाता और खेती करता। पंकज त्रिपाठी ने कहा कि जो चीज आपके पास नहीं होता है तो थोड़ी देर के लिए मलाल होता है लेकिन बाद में लगता है कि अच्छा हुआ कि वो नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जिंदगी में जब सुविधाएं ना हों तो हम जल्दी हार नहीं मानते हैं।
पंकज त्रिपाठी ने कहा कि ट्रैक्टर नहीं खरीद पाया तो बाबू जी ने पढ़ाई में मन लगाने के लिए कहा। उनका कहना था कि पढ़कर डॉक्टर बनो। इससे जीविका चलाने के लिए पैसे भी आ जाएंगे और ट्रैक्टर भी आ जाएगा। पंकज कहते हैं कि गांव से पटना डॉक्टर बनने के लिए ही निकला था लेकिन डॉक्टर की टर नहीं लगा एक्टर का टर लग गया
एक्टर बनने और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में एडमिशन लेने की कहानी का जिक्र करते हुए पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि 12 वीं के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद पटना के आईएचएम से होटल की ट्रेनिंग लेकर मौर्या होटल में असिस्टेंट शेफ की नौकरी करने लगे थे। दिन में होटल में काम करते और शाम में ड्राम करते। पंकज बताते हैं कि इसके लिए कई बार मैनेजर से डांट भी पड़ती थी।
पंकज का मन एक्टिंग में रमने लगा था लिहाजा होटल की नौकरी छोड़ एनएसडी में एडमिशन लेने के बारे में सोचने लगे। लेकिन एडमिशन के लिए पर्याप्त योग्यता नहीं होने की वजह से उन्हें ग्रेजुएशन करना पड़ा जिसमें तीन साल का वक्त लगा। तीन साल ग्रेजुएशन करने के बाद पंकज त्रिपाठी एनएसडी में एडमिशन लेने की कोशिश की लेकिन वे तीन बार रिजेक्ट कर दिए गए।
पंकज त्रिपाठी बताते हैं कि उन्होंने पिता जी को अपने अभिनेता बनने की बात बता दी थी। उन्होंने सपोर्ट भी किया लेकिन उनको इस बात की चिंता सताती थी कि आगे की जिंदगी कैसे चलेगी। पंकज त्रिपाठी आगे बताते हैं कि बाबू जी से झूठ बोला था कि एक्टिंग में कोर्स करने के बाद मेरी सरकारी नौकरी लग जाएगी। बाबू जी से कहा था कि पढ़ाई के बाद स्कूल के ड्रामेटिक विभाग में उनको नौकरी मिल जाएगी।